Monday, November 5, 2007

जरा ध्यान दें .............

अब तो दिवाली आई खडी है चारों ओर दिवाली कि तैयारियां जोर शोर से चल रही है हर तरफ उत्साह और उमंग का समां है। बच्चों का उत्साह तो देखते ही बनता है। नवरात्र के समाप्त होते ही दिवाली कि तैयारियां आपने पूरे शबाब पर आ जाती है। दिवाली तो त्यौहार ही है मिठाइयों और रोशनी का . दिवाली कि बातें हो और नए कपडों, मिठाइयों और पटाखों कि बातें न हो यह तो हो ही नही सकता पर इस सब चीजों के साथ-साथ सावधानी भी बहुत जरूरी है . अगर हम कुछ छोटी - छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो रौशनी का ये पर्व हमारे लिए बेहद खुशगवार और यादगार बन जाएगा ।
  • यह तो सच है कि खरीदारी का अपना ही सुख है शायद शॉपिंग से ज्यादा मज़ा और किसी चीज़ में नही . महिलाओं के लिए तो शॉपिंग आत्मसंतुष्टि का साधन है पर फिर भी सोच समझ कर और जरुरत के मुताबिक खर्च करना ही समझदारी है बाद में पछताने से तो बेहतर है कि खर्च पर नियंत्रण रखा जाए.
  • दीवाली के दिन का मेनू पहले से निर्धारित कर ले.
  • अपने मित्रों और परिवारजनों को दिए जाने वाले गिफ्ट्स की खरीदारी भी पहले से करना ज्यादा सुविधा जनक होगा क्योंकि बाद में दुकानों पर ज्यादा भीड़ मिलती है और मूल्य भी ज्यादा देना पड़ता है.
  • उपहारों में बहुत ज्यादा कीमती चीजों की जगह कुछ ऐसा दे जो खास हो और उनके प्रति आप के प्यार को प्रदर्शित करे.
  • बहुत ज्यादा तेल व मसालों वाले भोजन व मिठाइयों से बचें.
  • पटाखे हमेशा दूर से व खुले स्थान पर चलने चाहिए.
  • बच्चों को कभी भी अकेले में पटाखे नही चलने दें .
  • पटाखे चलने की जगह पर पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें और जले हुए पटाखे उस में डालते रहें जिस से किसी के जल जाने का डर ही न रहे .
  • चलाये जाने वाले पटाखों को आग से दूर रखें जिससे दुर्घटनावश सभी पाठकों में आग न लग जाए.
  • छोटे - मोटे जलने पर लगाने के लिए घर में बर्नोल आदि जरूर रखे .
  • ये जरूर ध्यान रखें की कपड़े बहुत ज्यादा ढीले - ढाले व इधर - उधर लटकते हुये न हों और बालो को भी ठीक से बंधा जाए.
  • अंत में एक बात और बहुत ज्यादा पटाखों को चलाने से बचना चाहिए क्यों की जहाँ एक और पटाखों में हजारों रुपये व्यर्थ में ही स्वहा हो जाते है . हर साल पटाखों की वजह से हुई दुर्घटनाओं में हजारों रुपये की संपत्ति नष्ट हो जाती है वहीं इनमें पाए जाने वाले केमिकल व गैस की वजह से ये प्रदुषण को बढ़ने की भी वजह बनते है.

इन छोटी-छोटी बातों से आप कि दिवाली एक यादगार अनुभव बन जाये और माँ लक्ष्मी हम सभी के जीवन में रोशनी और समृधि लेकर आयें।


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